- Ujjain Simhastha 2028: AI, ग्रीन कॉरिडोर और स्मार्ट कमांड सेंटर से आयोजन का सफल प्रबंधन होगा, श्रद्धालुओं का अनुभव बेहतर होगा
- सिंहस्थ 2028 की तैयारी में उज्जैन: कोयला फाटक से गोपाल मंदिर तक 15 मीटर चौड़ा होगा मार्ग, यातायात सुविधा में होगा सुधार!
- 17 धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी: उज्जैन में जश्न का माहौल, ढोल की थाप और आतिशबाजी के साथ BJP कार्यकर्ताओं ने किया CM के फैसले का स्वागत
- उज्जैन में बेखौफ चोरों का कारनामा, घर से 3 मिनट में 2 लाख की बाइक चुराई; सीसीटीवी में कैद हुई चोरों की चतुराई
- भस्म आरती: बिलपत्र चंद्र से बाबा महाकाल का किया गया राजा स्वरूप श्रृंगार!
जमीन मालिक पर ही नानाखेड़ा पुलिस ने दर्ज कर दिया केस…
मामला कोर्ट में विचाराधीन, टीआई की शिकायत आईजी से
उज्जैन।नानाखेड़ा थाना पुलिस ने ग्राम गोयला खुर्द की जमीन पर लगे उज्जैन विकास प्राधिकरण के बोर्ड पर जमीन मालिक द्वारा स्वयं का नाम लिखे जाने की शिकायत पर जमीन मालिक के खिलाफ संपत्ति विरूपण का मामला दर्ज किया है। जमीन मालिक ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने बिना जांच मेरे खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया जबकि मामला कोर्ट में विचाराधीन है। थाना प्रभारी की शिकायत आईजी से की गई है।
यह था मामला…आनंद नगर निवासी वासुदेव कुरील पिता कालीचरण कुरील ने बताया कि मेरे द्वारा ग्राम गोयलाखुर्द में 0.90 हेक्टेयर जमीन खरीदी गई है। विकास प्राधिकरण के इंजीनियर महेश गुप्ता, विनोद कुमार सिंघई, केजी पाटीदार व द्वारा मेरी भूमि पर लगा स्वामित्व और अधिपत्य का बोर्ड उखाड़कर ले गये तथा स्वयं का बोर्ड लगा दिया था। वासुदेव ने बताया कि मैंने भूमि की रजिस्ट्री, नामांतरण के तहसीलदार के आदेश, जमीन की पटवारी पंचनामा रिपोर्ट, तहसीलदार के विज्ञप्ति की कॉपी एवं हाईकोर्ट के स्टे की कॉपी के साथ 29 जुलाई को नानाखेड़ा व अजाक थाने में आवेदन दिया लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इसके उलट विकास प्राधिकरण के बाबू द्वारा नानाखेड़ा थाने में संपत्ति विरूपण की शिकायत की गई जिसकी जांच के बिना ही पुलिस ने मेरे खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया, जबकि मामला कोर्ट में विचाराधीन है। कुरील के अनुसार नानाखेड़ा पुलिस द्वारा बिना जांच की गई कार्रवाई की शिकायत आईजी से की गई है। इधर नानाखेड़ा थाना प्रभारी ओमप्रकाश अहीर ने बताया कि विकास प्राधिकरण द्वारा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। संपत्ति विरूपण के मामले में जांच नहीं होती। प्राधिकरण का बोर्ड उक्त जमीन पर लगा था जिसे पेंट कर दिया गया। इस कारण मामले में प्रकरण दर्ज किया गया है। जमीन किसकी है और प्राधिकरण व कुरील का कोर्ट में क्या प्रकरण चल रहा है इसकी जानकारी नहीं है।